एम्बुलेंस में कराया सुरक्षित प्रसव, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ।

Vijaydoot News

अलीगढ़ से सौरभ पाठक की रिपोर्ट।

अलीगढ़। शासन द्वारा संचालित जिले में 102 व 108 एम्बुलेंस एक बार फिर गर्भवती महिला के लिए वरदान साबित हुई है। ब्लाक अकराबाद ग्राम तेहरामोड़ के रहने वाले निवासी महेश कुमार की पत्नी ज्योति (30 वर्षीय) गर्भवती थी। रविवार को सुबह सात बजे प्रसव पीड़ा होने पर अपने घर वालों को सूचना दी, तो उनके घर वालों ने 102 एंबुलेंस पर फोन किया। 102 एंबुलेंस किसी वजह से अन्य कामों में व्यस्त होने के कारण से जिला अलीगढ़ से ब्लाक अकराबाद को इमरजेंसी में 108 एंबुलेंस सेवा के लिए भेजा गया।

एंबुलेंस के ईएमटी दुर्गेश कुमार के साथ ईएमटी पायलट दिलीप कुमार मौके पर पहुंचे और ज्योति को एम्बुलेंस में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अकबराबाद पर ले जाने लगे। तभी अचानक रास्ते में ज्योति की प्रसव पीड़ा तेज हो गई और ईएमटी दुर्गेश कुमार ने तुरंत तत्परता दिखाते हुए पायलट दीपक कुमार को गाड़ी किनारे खड़ी करने के लिए कहा। पायलट दीपक कुमार ने सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी कर दी। इस दौरान थोड़ी समस्या होने पर लखनऊ में स्थित डॉक्टर ने फोन के माध्यम से सुरक्षित प्रसव कराने में मेडिकल टेक्नीशियन की मदद से एंबुलेंस के ईएमटी दुर्गेश कुमार और पायलट दीपक कुमार ने रास्ते में ही प्रसूता का सुरक्षित तरीके से प्रसव कराया। महिला ने एंबुलेंस में ही एक बेटे को जन्म दिया। एम्बुलेंस में ही प्राथमिक उपचार देकर बाद में जच्चा और बच्चा को सीएचसी अकराबाद में भर्ती कराया गया। प्रसव पीड़ित महिला के परिवार के लोग काफी चिंतित दिखे लेकिन प्रसव के उपरांत उनमें खुशी की लहर दिखाई दी और इसके बाद एम्बुलेंस कर्मियों ने जच्चा व बच्चा को सीएचसी में भर्ती कराया है। महिला के परिवार वालों ने एंबुलेंस स्टाफ का आभार व्यक्त किया।

ईएमटी दुर्गेश कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को दर्द से पीड़ित देखते हुए लखनऊ फोन करके स्थित डॉक्टर ने फोन के माध्यम से सुरक्षित प्रसव कराने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि इस प्रसव कराने में पायलट दीपक कुमार का काफी सहयोग मिला है और उन्हें सीएचसी अकराबाद में भर्ती करा दिया है। बच्चा और महिला अब दोनों स्वस्थ व सुरक्षित हैं।

जिला प्रोग्राम मैनेजर मोहम्मद अरशद ने बताया कि इस माह में अब तक 05 डिलीवरी एंबुलेंस में हो चुकी है सभी केसों में जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि दौड़ती एंबुलेंस में कई बार इस तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते गर्भवती महिला की जान बचाने के लिए स्टाफ को नियमित रूप से सुरक्षित प्रसव कराने का प्रशिक्षण समय-समय पर दिया जाता है।

प्रोग्राम मैनेजर ने कहा इन सभी केस में भी स्टाफ द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है। संस्था द्वारा जल्द ही उन्हें सम्मानित भी किया जाएगी।

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